Sunday, July 4, 2010
मनी-प्लांट
न खाद न मिट्टी
न सूरज की रोशनी
पानी से भरी हुई
एक बॉटल काफी है
इसे लगाने के लिए
तुम्हारी ज़रा-सी देखभाल
पूरे कमरे में फैला देगी इसे
इसके मासूम हरे पत्ते
चूमने लगेंगे
तस्वीरों में कैद चेहरे
बातें करने लगेंगे
कमरे की बेजान चीज़ों से
मुझे नहीं मालूम
इस लता का बॉटनीकल नाम
पर मैने इसे
अपना एक नाम दिया है 'सपना'.
न सूरज की रोशनी
पानी से भरी हुई
एक बॉटल काफी है
इसे लगाने के लिए
तुम्हारी ज़रा-सी देखभाल
पूरे कमरे में फैला देगी इसे
इसके मासूम हरे पत्ते
चूमने लगेंगे
तस्वीरों में कैद चेहरे
बातें करने लगेंगे
कमरे की बेजान चीज़ों से
मुझे नहीं मालूम
इस लता का बॉटनीकल नाम
पर मैने इसे
अपना एक नाम दिया है 'सपना'.
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2 comments:
अच्छा किया आपने जो इसे "सपना " नाम दे दिया . " मनी प्लांट " कुछ ज्यादा ही भौतिकवाद को दर्शाता है.
सुन्दर लेखन।
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