Saturday, July 10, 2010

प्रेम - एक

बस अभी आता हूँ
तुम्हारे पास
ज़रा दरवाज़े तक
छोड़ आऊँ
अपनी तन्हाई.

2 comments:

कडुवासच said...

....बहुत सुन्दर!!!!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत सुन्दर !