Monday, April 12, 2010

दीवार

एक दिन वे आयेंगे
और लिख जायेंगे
तुम्हारी दीवार पर
तुम्हारे पड़ौसी की मौत का फरमान
दूसरे दिन वे आयेंगे
लिख जायेंगे
पड़ौसी की दीवार पर
तुम्हारी मौत का फरमान
तीसरे दिन
वे फिर आयेंगे
और लिख जायेंगे
शहर की तमाम दीवारों पर
ऐसे ही फरमान-
उन्हें सिर्फ तीन दिन चाहिए
इस दुनिया को
श्मशान में बदलने के लिए.

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!!सुन्दर अभिव्यक्ति॥

RAJNISH PARIHAR said...

बहुत ही सही लिखा है आपने!!मुझे बहुत पसंद आया...!आपके ब्लाग का टाइटल भी आकर्षित करता है...

दिलीप said...

waah kya baat kahi....

http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जब तक फरमान है तब तक ठीक है..जब विध्वंस होगा तब क्या होगा? अच्छी प्रस्तुति

Udan Tashtari said...

सही कहा आपने!