Tuesday, April 13, 2010

दंगे

घर के भीतर
मारा गया विश्वास
गली के मोड़ पर
मारी गई यारी
गाँव, कस्बे, शहर, महानगर
सब मारे गये
और इन सबके साथ
मारा गया मुल्क.

1 comment:

Amitraghat said...

वाह! क्या खूब लिखा है..प्रभावशाली कविता..."