Sunday, March 21, 2010

मिट्टी के लोग...

महीनों इंतज़ार किया
जिस बारिश का
जब वह आई
तो भीगने से मना कर दिया सबने
बारिश के खिलाफ सड़कों पर निकल आये
छाते और रेनकोट
पानी से बचने के लिए
दुकानों के अहातों और दरख़्तों के नीचे
ठिठक कर खड़े हो गए
मिट्टी के लोग.

1 comment:

shashank mehta said...

"Mitte ke log" is very impressive and i feel good to know about your feeling.